खाटुश्याम जी सालासर रेल लाइन सर्वे पूरा
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खाटूश्याम से सालासर तक बिछेंगी नई लाइनें।बढ़ेगा धार्मिक पर्यटन, सुधरेगी अर्थव्यवस्था।

इस नए रेल मार्ग से विशेषकर शेखावाटी के धार्मिक क्षेत्रों को खासा फायदा पहुंचेगा। यहां हजारों यात्री खाटू, सालासर व जीणमाता दर्शनों के लिए आते हैं।

खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़़ होगी नई रेल लाईन।

रामगढ़: रेलवे से खुश खबर है। रेलवे बोर्ड अब खाटू श्याम जी, कोटपूतली, सालासर, टोंक, चाकसू को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने में जुट गया है। साथ ही जयपुर से चौमूं-सामोद, रींगस-सीकर-लुहारू समेत कई लाइनों के दोहरीकरण की भी तैयारी चल रही है। रेलवे ने इन सुविधाओं के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। आगामी रेल बजट में इनको शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल, रेलवे राजस्थान में रेल नेटवर्क को मजबूती देने में जुटा है। इसके तहत रेलवे 862 किलोमीटर में नई लाइनें बिछाएगा। इनके अलावा 1441 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण किया जाना प्रस्तावित है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे ने इनका खाका तैयार कर लिया है। सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। उसके बाद ही बजट स्वीकृति मिल पाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। पिछले दिनों उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों और मुख्यमंत्री के बीच बैठक हुई थी। बैठक में इनके बारे में बताया गया था। रेलवे अधिकारियों से भूमि आवश्यकता को लेकर भी मांग की गई थी।

व्यापार-पर्यटन को भी लगेंगे पंख

खाटूश्याम जी – सालासर के बीच रेल लाइन की मांग कई साल से चल रही है। यहां सालाना लाखों लोगों की आवाजाही होती है। खाटू श्याम जी को देश के हर राज्य से रेल मार्ग से जोड़ने पर पुरे धार्मिक स्थल का विकास तेजी है होगा। इससे धार्मिक,पर्यटन व व्यापार दोनों को पंख लगेंगे।

शेखावाटी में लंबे अर्से से धार्मिक पर्यटन सर्किट की मांग गूंज रही है। सालासर व खाटूश्यामजी के रेल लाइन से जुड़ने से हर साल 40 से 50 लाख भक्तों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।

भक्तों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिलने की वजह से धार्मिक पर्यटन और बढ़ेगा। इससे शेखावाटी में रोजगार के अवसर भी बढ सकेंगे।

इस नए रेल मार्ग से विशेषकर शेखावाटी के धार्मिक क्षेत्रों को खासा फायदा पहुंचेगा। यहां हजारों यात्री खाटू, सालासर व जीणमाता दर्शनों के लिए आते हैं।

खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़़ होगी नई रेल लाईन।

रामगढ़: रेलवे से खुश खबर है। रेलवे बोर्ड अब खाटू श्याम जी, कोटपूतली, सालासर, टोंक, चाकसू को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने में जुट गया है। साथ ही जयपुर से चौमूं-सामोद, रींगस-सीकर-लुहारू समेत कई लाइनों के दोहरीकरण की भी तैयारी चल रही है। रेलवे ने इन सुविधाओं के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। आगामी रेल बजट में इनको शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल, रेलवे राजस्थान में रेल नेटवर्क को मजबूती देने में जुटा है। इसके तहत रेलवे 862 किलोमीटर में नई लाइनें बिछाएगा। इनके अलावा 1441 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण किया जाना प्रस्तावित है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे ने इनका खाका तैयार कर लिया है। सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। उसके बाद ही बजट स्वीकृति मिल पाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। पिछले दिनों उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों और मुख्यमंत्री के बीच बैठक हुई थी। बैठक में इनके बारे में बताया गया था। रेलवे अधिकारियों से भूमि आवश्यकता को लेकर भी मांग की गई थी।

व्यापार-पर्यटन को भी लगेंगे पंख

खाटूश्याम जी – सालासर के बीच रेल लाइन की मांग कई साल से चल रही है। यहां सालाना लाखों लोगों की आवाजाही होती है। खाटू श्याम जी को देश के हर राज्य से रेल मार्ग से जोड़ने पर पुरे धार्मिक स्थल का विकास तेजी है होगा। इससे धार्मिक,पर्यटन व व्यापार दोनों को पंख लगेंगे।

शेखावाटी में लंबे अर्से से धार्मिक पर्यटन सर्किट की मांग गूंज रही है। सालासर व खाटूश्यामजी के रेल लाइन से जुड़ने से हर साल 40 से 50 लाख भक्तों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।

भक्तों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिलने की वजह से धार्मिक पर्यटन और बढ़ेगा। इससे शेखावाटी में रोजगार के अवसर भी बढ सकेंगे।